The best Side of malkin ki malish

नवजात शिशु की मालिश शुरु करने से पहले की जरूरी बातें

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मालिश के दौरान आप अपनी तर्जनी उंगली और मध्य उंगली को बच्चे की रीढ़ की हड्डी के दोनों तरफ रखें और फिर हल्के हाथों से पूरी पीठ की मसाज करें। इसी प्रक्रिया को दो से तीन बार या कुछ समय के लिए दोहराएं। ध्यान रखें कि बच्चे की रीढ़ की हड्डी पर अपनी उंगुलियों को न रखें। लेकिन आप दो उंगुलियों को बच्चे की रीढ़ की हड्डी के दोनों अगल-बगल रखकर ऊपर से नीचे की ओर मालिश कर सकती हैं।

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एक माह के बाद ही शिशु की मालिश का उचित समय माना जाता है। जन्म के बाद के पहले माह में बच्चे की नाभि पूरी तरह से सही स्थिति में आ जाती है। साथ ही जन्म के समय के मुकाबले बच्चे की त्वचा में संवेदनशीलता कम होती है।

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अपने घर के पर्दे बंद कर दें ताकि पड़ोसी मसाज करते हुए न देख पाए।

मालिश करते समय बच्चे के शरीर पर बहुत ज़्यादा दबाव ना दें। हल्के दबाव से मालिश करें।

एक बार बच्चा मालिश के लिए तैयार हो जाए तो आप उसके पैरों से मालिश को शुरू करें। इसके लिए आप अपने हथेलियों पर तेल की कुछ बूंदें लें और बच्चे के तलवों पर मसाज करें। अपने हाथों के अंगूठे की मदद से बच्चे के पैरों की अंगुली और एड़ियों पर मालिश करें। फिर, अपनी हथेलियों से बच्चे के पैर पर नीचे और ऊपर हल्के से हाथ फेरें। धीरे-धीरे दोनों पैरों के नीचे और पंजों पर अंगूठे को गोल-गोल घुमाते हुए मालिश करें। व्यस्कों की मसाज की तरह आप बच्चों के पैरों की अंगुलियों को न खीचें। बच्चों के पैरों की मसाज के लिए आप उनके दोनों पंजों के ऊपरी भाग को हल्के हाथों से मालिश करें। इससे उनकी तंत्रिकाएं उत्तेजित होने malkin ki malish में मदद मिलती है। (और पढ़ें - डिलीवरी के बाद माँ की देखभाल)

यह आपके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन में को बेहतर बनाने और ब्लड फ्लो बढ़ाने में मदद करता है। जिससे शरीर के अन्य अंगों तक रक्त और पोषण बेहतर तरीके से पहुंचता है। साथ ही नसों का स्वास्थ्य भी बना रहता है।

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मां बनने के बाद कई महिलाएं अपने बच्चे की मसाज करना चाहती हैं, लेकिन मसाज का सही तरीका मालूम न होने के कारण महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। आपकी इसी परेशानी को देखते हुए, इस लेख में नवजात शिशु की मालिश के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। साथ ही आपको नवजात शिशु की मालिश क्या है, नवजात शिशु की मालिश कब शुरू करें और कितनी बार करें, नवजात शिशु की मालिश के फायदे, नवजात शिशु की मसाज करने का सही समय, शिशु की मालिश कैसे करें, बच्चे की मालिश के लिए टिप्स व नवजात शिशु की मालिश कब तक करनी चाहिए, आदि बातों के बारे में भी बताया जा रहा है।

जिस पैर पर काम कर चुके हैं उसे तौलिए से ढ़क दें (ताकि गर्मी बनी रहें) और इसी तरह से दूसरे पैर की भी मसाज करें।

कलोंजी को पहले ग्राइन्डर में पीस लें। काफी आसानी से कलोंजी के बीज पिस जाते हैं।

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